रूमोटोआइड अर्थराईटिस के मरीज का एक्सपिरीयनस
जब मैंने इन मरीज को पहली बार देखा तो यह पैरों से चलने में असमर्थ थीं।और पैर घुटनों से मुडे हुए थे। तब मैंने फिजियोथेरेपी शुरु की मगर रोज दो बार फिजियोथेरेपी के बाद भी अपनी पुरानी स्थिति में पहुंच जाता था।फिर मैंंने एक घुटनों का ब्रेस बनवाई और उसे पहन कर वह पहली बार पैरों से सीधे खडींं हुई। और जैसे जैसे समय के साथ पहले वाकर,फिर छडी और अब व समान रूप चल रही हैं।।
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